कौन है 10 महाविद्याएँ और कैसे हुयी उनकी उत्पत्ति । 10 mahavidyaon ka adbhut gyaan. Das mahavidyayen - tantra, shakti aur adhyatmik unnati
10 महाविद्याओं का अद्भुत ज्ञान: जानिए देवी शक्तियों के रहस्य 10 mahavidyaon ka adbhut gyaan: jaaniye devi shaktiyon ke rahasya-
हमारे सनातन धर्म में मुख्यतः तीन सम्प्रदायों का वर्णन मिलता है जो कि हैं - वैष्णव सम्प्रदाय, शैव सम्प्रदाय और शाक्त सम्प्रदाय।
वैष्णव सम्प्रदाय में विश्वास करने वाले लोग विष्णु जी की , शैव सम्प्रदाय को मानने वाले लोग शिव जी की , और शाक्त सम्प्रदाय को मानने वाले लोग देवी माँ की शक्ति रूप में पूजा करते हैं।
इसी शाक्त सम्प्रदाय में हमें 10 महाविद्याओं का वर्णन मिलता है। तंत्र साधना में इन महाविद्याओं का अत्याधिक महत्व मिलता है।
इस पोस्ट में हम इन्हीं दस महाविद्याओं की उत्पत्ति और उनके बारे में जानेंगे।
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10 महाविद्याओं की उत्पत्ति की कथा (10 mahavidyaon ki utpatti)-
इन दस महाविद्याओं के बारे में जानने से पहले हम आपको एक श्लोक बताते हैं जिनमे इनका वर्णन मिलता है।
काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी।
भैरवी छिन्नमस्ता च विद्या धूमावती तथा।
बगला सिद्धविद्या च मातंगी कमलात्मिका।
एता दश महाविद्या: सिद्धविद्या: प्राकृर्तिताः।
इस श्लोक से हमें दस महाविद्याओं के बारे में पता चलता है।
पुराणों के अनुसार जब माता सती ने अपने पिता राजा दक्ष के यहाँ यज्ञ में जाना चाहा तो शिव जी ने उनको वहाँ जाने से रोका। तब शिव जी के इंकार करने से माँ क्रोधित हो गयी और क्रोध के वशीभूत होकर उन्होंने दस महाविद्याओं को उत्पन्न किया। जिन्होंने शिव जी को 10 तरफ से घेर लिया।
शिव जी के पूछने पर माता सती ने बताया कि आपके सामने कृष्ण रंग की काली, ऊपर नीले रंग की तारा, पश्चिम में छिन्नमस्ता, बाएँ भुवनेश्वरी, पीछे बगलामुखी, दक्षिण-पूर्व में धूमावती, दक्षिण-पश्चिम में त्रिपुर सुंदरी, पश्चिम उत्तर में मातंगी, उत्तर पूर्व में षोडशी और मैं खुद भैरवी रूप में आपके समक्ष हूँ। तब शिव जी ने ये देखकर माता सती को जाने की आज्ञा दी।
ये ही वह दस महाविद्याएँ हैं जो कि दसों दिशाओं में विद्यमान हैं।
कौन है 10 महाविद्याएँ (kaun hai das mahavidyaen)-
अब आइए एक एक करके इनके बारे मे बात करते है।
महाकाली (Mahakali)-
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Mahakali, Kaalratri
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माता रानी के दस रूपों में महाकाली का स्वरुप प्रथम बताया गया है। माता का ये रूप कृष्ण वर्ण का है। कई सारे दैत्यों के वध के लिए माता रानी ने ये रूप धारण किया था। ये तत्काल प्रसन्न होने वाली और तत्काल रुष्ट होने वाली देवी हैं। ये मुंड माला धारण किए हुए, एक हाथ में खड्ग, एक हाथ में कटे हुए सिर को लेकर और एक हाथ से आशिर्वाद देते हुए प्रकट हुयी हैं।
इन्होंने ही चंड मुंड का और रक्तबीज का वध किया था। ये दुष्टों के लिए अत्याधिक क्रोधी और भक्तों के लिए अत्याधिक सौम्य है।
विवेकानंद जी के गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस भी इनके ही भक्त थे जिनको माँ काली के साक्षात दर्शन प्राप्त हुए।
तारा देवी (Tara Devi)-
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Tara devi |
त्रिपुर सुंदरी (Tripur Sundari) -
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tripur sundari, Lalita, Raaj Rajeshwari, Shodashi
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त्रिपुर सुंदरी को ललिता, राजराजेश्वरी, षोडशी आदि नामों से जाना जाता है। ये श्री कृष्ण जी की भांति 16 कलाओं से संपन्न हैं। माता रानी के ये सबसे मनोहर रूप वाली हैं तथा ये शिव जी के नाभि से निकले कमल पर विराजमान रहती हैं। । ये विग्रह वाली शक्ति हैं। इनका आश्रय ग्रहण करने वाले मनुष्य साक्षात ईश्वर को प्राप्त करते हैं।
भुवनेश्वरी (Bhuwneshwari)-
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Bhuwneshwari
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इनको आदिशक्ति और मूल प्रकृति भी कहा जाता है। पुत्र प्राप्ति के लिए इनकी अराधना करने का वर्णन मिलता है। ये सौम्य स्वरुप में भक्तों का कल्याण करती हैं और सिद्धियां भी प्रदान करती हैं। रुद्रयामल में इनका कवच, नीलसरस्वतीतंत्र में इनका हृदय और महा तंत्रार्णव में इनका सहस्त्रनाम संकलित है। इनकी साधना से सूर्य के समान तेज और मान सम्मान मिलता है
छिन्नमस्ता (Chhinnmasta) -
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Chhinnmasta
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ये कटे हुए सिर वाली देवी हैं जिनके गर्दन से रक्त की तीन धाराएं बह रहीं हैं जिनमे एक धारा इनके स्वयं के मुख में और बाकी 2 धाराएं इनकी दो सहचर्यों के मुख में गिर रही हैं। इनके गले मे भी हड्डियों की माला है और ये कामदेव और रति के ऊपर आसीन हैं।
जो साधक इनकी शांत भाव से उपासना करते हैं उनको ये शांत रूप में और जी साधक इनकी उग्र रूप में उपासना करते है उनको ये उग्र रूप में दर्शन देती हैं। इनकी साधना से लेखन बुद्धि ज्ञान बढ़ता है और शरीर रोग से मुक्त हो जाता है।
भैरवी (Bhairavi)-
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Bhairavi
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महाविद्याओं में भैरवी का छठा स्थान है। इनकी साधना सभी प्रकार के बंधनों से मुक्ति दिलाने वाली है। मत्स्य पुराण में इनके त्रिपुर भैरवी, कोलेश
भैरवी, रुद्र भैरवी, कामेश्वर भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी आदि रूपों का वर्णन मिलता है।
इनकी साधना से 16 कलाओं से युक्त सन्तान प्राप्त होती है। धन में वृद्धि के स्रोत बढ़ते हैं, धन की प्राप्ति होती है।
काम, शारीरिक सुख और आरोग्य सिद्धि और मनोवांछित मनुष्य पाने के लिए भी इनकी साधना की जाती है।
धूमावती (Dhoomavati) -
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Dhoomavati |
माता धूमावती को विधवा के रूप में देखा जाता है। ये कौए पर विराजमान होती हैं। इनकी साधना से जीवन में निडरता आती है और आत्मबल प्राप्त होता है। इनकी उपासना विपत्ति नाश, रोग निवारण, युद्ध में विजय प्राप्त करने, उच्चाटन और मारण आदि के लिए भी की जाती है। इनको सुतरा भी कहा जाता है जिसका अर्थ है सुख पूर्वक तारने वाली।
बगलामुखी (Baglamukhi) -
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Baglamukhi devi
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महाविद्याओं में माँ बगलामुखी आठवें स्थान पर हैं। युद्घ में विजय प्राप्त करने, शत्रु भय से मुक्ति प्राप्त करने, शत्रुओं को परास्त करने और विरोधियों को शांत करने के लिए इनकी साधना की जाती है। ये पीले अर्थात् पीत वस्त्र धारण करने वाली तथा रत्नजड़ित स्वर्ण आभूषण धारण करने वाली हैं इसीलिए इनको पीताम्बरा माता के नाम से भी जाना जाता है।
कथाओं के अनुसार महाभारत युद्ध से पूर्व श्री कृष्ण जी ने और अर्जुन ने इनकी पूजा की थी।
मातंगी (Matangi) -
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Maatangi
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देवी मातंगी नौवीं महाविद्या हैं जिनकी उपासना विशेष रूप से अपनी दक्षताओं और कला-कौशल से दुनिया को अपने वशीभूत करने के लिए की जाती है। ये कृष्ण वर्ण की सुन्दर देवी हैं जो कि सिंहासन पर विराजमान हैं और इनके गले में फूलों की माला है और चार हाथ हैं। शिव जी के समान चंद्रमा को मस्तक पर धारण करने वाली ये देवी असुरों को मोहित करने वाली और साधकों को अभीष्ट फल देने वाली हैं। इनकी साधना से गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है।
कमला (Kamla)-
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Kamla
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दसवीं महाविद्या कमला को लक्ष्मी जी का ही तांत्रिक स्वरुप माना जाता है। माता लक्ष्मी जी के समान ही ये भी कमल पुष्प पर विराजमान है और इनके पास श्वेत वर्ण के चार हाथी सूंड़ में स्वर्ण कलश लेकर मां को स्नान करा रहे हैं। इनकी उपासना से दरिद्रता, संकट, अशांति आदि दूर होते हैं और सुख - समृद्धि में वृद्धि होती है और जीवन सुखमय व्यतीत होता है।
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10 mahavidya |
साथियों ये थी वो दस महाविद्यायें जो अपने साधकों को अभीष्ट फल प्रदान करती हैं और उनका जीवन सुखी, सौभाग्यशाली, समृद्धशाली, रोग मुक्त, कष्ट मुक्त व दीर्घायु बनाती हैं।
आशा है ये पोस्ट आपको पंसद आयी होगी। ऐसी और अधिक अच्छी जानकारी हम आपके लिए हमेशा लाते रहेंगे। पोस्ट को अंत तक देखने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यावाद।
इनके बारे में और अधिक जानने के लिए आप ये विडियो देख सकते हैं।
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